heat stroke garmi
गर्मी अपने चरण सीमा पर है धूप के थप्पड़ों ने आम लोगों की जीवन में प्रभाव डाला है सुबह 10 बजे से ही सूरज की किरणे आग बरसने लगती है लोग घर से निकलने के लिए कतरा रहे है। इस भीषण गर्मी की वजह लोगों का मानना है कि पृथ्वी में बढ़ रहे ग्लोबल वार्मिंग एक मुख्य वजह हो सकती है जिस तरह से तेजी से औद्योगिकरण आधुनिकीकरण बढ़ रहे हैं निश्चित ही आने वाले समय में पर्यावरण परिवर्तन से होने वाले प्रभाव को मानव जाति को भुगतना पड़ेगा।
पिछले कुछ दिनों से देश के कई शहरों का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया जो एक चिंताजनक विषय है भारतीय मौसम विभाग की माने तो सन 1901 के बाद साल 2018 में सबसे ज़्यादा गर्मी पड़ी थी और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल औसत तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी.
स्काइमेट वेदर के मुताबिक महाराष्ट्र के ब्रह्मपुरी का तापमान 46.4 डिग्री, उत्तर प्रदेश के वाराणसी का 46, चंद्रपुर का 45.5, बांदा का 45.4 और वर्धा का तापमान 44.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा चुका है
जलवायु वेबसाइट एल डोराडो के जारी आंकड़ों को मुताबिक पिछले शुक्रवार को मध्य भारत पृथ्वी के सबसे गर्म क्षेत्रों में से एक था वेबसाइट के मुताबिक मध्य भारत के कुछ शहरों को दुनिया के 15 सबसे गर्म शहरों में शामिल किया गया है कुछ लोगों का कहना है कि इस बार की गर्मी ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अधिक तेज होगी।
गर्मी से सुरक्षा के लिए कई तरह के उपाय हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:
1. धूप से बचाव: धूप में रहने से त्वचा को बचाने के लिए धूप से बचने के लिए छाता या छावनी का प्रयोग करें।
2. उचित कपड़े पहनें: धूप में बाहर जाते समय उचित कपड़े पहनें, जैसे कि लूलंगी या कॉटन के कपड़े, जो धूप से बचाव कर सकते हैं।
3. अच्छा ध्यान रखें: धूप में रहने के समय मासिक रूप से पानी पिएं और बार-बार ठंडा पानी सेवन करें।
4. सूरज संरक्षण उपकरण: धूप में रहने के लिए विशेष सूरज संरक्षण उपकरण जैसे कि सनस्क्रीन का प्रयोग करें ताकि त्वचा को बचाया जा सके।
5. ठंडा पानी का इस्तेमाल: धूप में रहने के बाद ठंडा पानी का इस्तेमाल करें, जिससे शरीर की गर्मी को कम किया जा सके।
इन सभी उपायों का पालन करके, आप अपने आप को गर्मी से सुरक्षित रख सकते हैं।

गर्मी के मौसम में कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बीमारियों की जानकारी है:-
1. लू: यह एक गंभीर बीमारी है जो अत्यधिक तापमान में लंबे समय तक धूप में रहने से होती है। यह शरीर की तापमान को बढ़ाकर बुखार, चक्कर और अन्य लक्षणों का कारण बनती है।
2. डिहाइड्रेशन (शरीर से पानी की कमी): गर्मी के दौरान शरीर से अत्यधिक पसीना निकलने और तापमान के कारण पानी की कमी हो सकती है, जिससे दिहाइड्रेशन होता है। इससे थकावट, चक्कर और उच्च तापमान की स्थिति हो सकती है।
3. जलन, सूर्यताप और चमकी बुखार: गर्मी के कारण त्वचा पर जलन, चमकी और सूर्यताप हो सकती है, जो त्वचा के लिए हानिकारक हो सकती है।
4. गर्मी के लक्षण: गर्मी के दौरान लक्षणों में चक्कर, उबाऊपन, मुंह का सूखना, थकावट और दर्द शामिल हो सकते हैं।
इन बीमारियों से बचने के लिए, धूप में अधिक समय न बिताएं, हमेशा पानी का सेवन करें, ठंडे कपड़े पहनें और अपने शरीर को ठंडा रखें। यदि कोई लक्षण दिखाई देते हैं,तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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