आज भारत को स्वतंत्र हुए 75 साल से भी अधिक हो गए हैं, मगर दुर्भाग्य की बात है कि,आज भी मतदान के लिए मतदाताओं को,देश के नागरिकों को मतदान करने के लिए बताना पड़ रहा है की, देश के विकास के लिए, मतदान करो, अपने अधिकार के लिए, मतदान करो, अच्छी सरकार के लिए, मतदान करो, जगह-जगह इसके लिए रैली,विज्ञापन, जनसभा और बहुत प्रकार से प्रचार,प्रसार अपनाना पड़ रहा है,क्या हमने 75 साल मे भी यदि कोई भी राजनीतिक पार्टी बात को समझाने में असफल रहे, क्या हम इतनी शिक्षित नहीं हुए हैं?

क्या कोई भी सरकार इस दिशा की ओर गंभीरता पूर्वक ध्यान नहीं दिए, कि आज भी 75 साल होने के बाद भी आम जनता मतदान का मतलब समझ सके, क्या भारत देश की जनता इतना अक्षम है, जो अपने अधिकार को नहीं समझते, अपनी कर्तव्य को नहीं समझते हैं,और सरकार कहती है, कि देश में बहुत विकास हुई है,लोक शिक्षित हुए हैं ,सब तरफ विकास की गंगा बह रही है, और अगर ऐसी विकास के बारे में लोग सोचते हैं, और सरकार भी सोचती है, तो क्या कहा जा सकता है,ऐसी सोच रखने वाले लोग और सरकार को, कि आज भी मतदान के लिए,मतदान देने जाने के लिए, मतदान की मतलब समझाने के लिए, आम जनता को 75 साल से भी अधिक समय लग रहा है, फिर भी आज 50 से 60% औसत मतदान हो रही है, हमें तो लगता है कि, 100% मतदान के लिए, और कम से कम 75 साल और लग सकता है, एक पीढ़ी और समाप्त हो जाएगी, इसको जनता की कमजोरी माना जाए या फिर सरकार की कमजोरी माना जाय या फिर दोनों की कमजोरी माना जाए?मुझे तो लगता है कि, सभी जनता को और सरकार को एवं सभी राजनीतिक पार्टियों को इसे गंभीरता से लेते हुए इस दिशा की ओर काम करने और नियम बनाने की सख्त आवश्यकता महसूस की जानी चाहिए, मेरा मानना है कि, तभी भारत देश का विकास तेज गति से होगा जब सरकार बनती है, और जब हम जन प्रतिनिधि चुनते हैं, तो आधे जनता को जन प्रतिनिधि चुनने में कोई रुचि नहीं रहती है, और उसे सरकार से और किसी भी क्षेत्र की जन प्रतिनिधि से कोई सरोकार और किसी से लेना-देना नहीं रहती है,और ऐसे लोग ना देश के बारे में सोचते हैं और नहीं जन प्रतिनिधि के बारे में सोचते हैं, और ऐसे लोगों का, सरकार, एंव जन प्रतिनिधि तथा किसी से भी लेना देना नही रहता है और जनप्रतिनिधि चाहे अच्छा करें, चाहे बुरा करें, कोई मतलब नहीं रखते हैं, जिससे समाज और देश की विकास में अवरोध पैदा होती है। और सही नेतृत्व के अभाव में समाज और देश विकास की जगह विनाश की ओर जाने लगती है।
अभी देश मे 2024 मे 102 लोकसभा क्षेत्र की प्रथम चरण की चुनाव संपन्न किया गया। जिसमे हमारे देश के नागरिकों मतदाताओं ने 2019 के अपेक्षा ऐसी जानकारी मिली है,औसत मतदान लगभग 8 % 2024 के 102 लोकसभा क्षेत्र मे कम मतदान हुई है)
1-क्या हम लोग शिक्षित हो गये हैं?
2-क्या हम सब विकास की ओर अग्रसर हैं?
3-क्या सही और ईमानदार सरकार हम सब चुन रहे हैं?
4-जनता के लिए, जनता द्वारा चुनी हुई सरकार यही सच्चे मायने मे लोकतंत्र, प्रजातंत्र की सरकार है? हम सब चुनते हैं?
5-आधे अधुरे हम सब सरकार बनाते है,और ख्वाहिश रखते है कि हमे स्वर्ग मिल जाय,क्या यह सब संभव है?
6-भारत देश के संविधान मे डा.बाबा साहब आंबेडकर महामानव ने सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार के तहत मत देने का अधिकार सभी को दिये हैं, मूल अधिकार के साथ साथ मूल कर्तव्य भी संविधान मे सभी नागरिकों के लिए संविधान मे प्रावधान रखे हुए है क्या? हमारे देश के नागरिक संविधान के बारे मे अच्छी तरह से समझ गये है ? लेखक का मानना है की भारत देश के हर नागरिक जिस दिन से भारत के संविधान को आत्मसात कर लेंगे उसी दिन से भारत देश के नागरिकों का उत्थान होगा, देश का विकास होगा, और नये भारत का उदयमान होगा ।
लेखक परिचय
( छत्तीसगढ़ टाइगर रेसलिंग) समाजसेवी, प्रदेश प्रमुख सलाहकार मरार पटेल महासंघ, प्रदेश संयोजक कला परंपरा, संरक्षक मातृभूमि सेवा संगठन, अध्यक्ष सेवारत सेवानिवृत -अधिकारी कर्मचारी संघ, श्रमिक नेता भिलाई छत्तीसगढ़।