Rajim Kumbh Mela 2024-राजिम कुंभ होगा भव्य,बागेश्वर सरकार सहित ये रहेंगे आकर्षण के केंद्र

Rajim Kumbh Mela 2024/राजिम कुंभ मेला 2024/REPUBLICEXPRESS NEWS

नया जगह पर आयोजित होंगा राजिम कुंभ 2024(Rajim Kumbh Mela 2024)

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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित पवित्र धार्मिक नगरी राजिम में प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक पंद्रह दिनों का मेला लगता है। राजिम में तीन नदियों का संगम है इसलिए इसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है, यहाँ मुख्य रूप से तीन नदियां बहती हैं, जिनके नाम क्रमशः महानदी, पैरी नदी तथा सोंढूर है। संगम स्थल पर कुलेश्वर महादेव जी विराजमान है। राज्य शासन द्वारा वर्ष 2001 से राजिम मेले को राजीव लोचन महोत्सव के रूप में मनाया जाता था, वर्ष 2005 से इसे कुम्भ के रूप में मनाया जाता रहा था, और अब 2019 से राजिम माघी पुन्नी मेला (Rajim Kumbh Mela 2024) के रूप में मनाया गया अब भाजपा सरकार ने इसे फिर से राजिम कुंभ कर दिया है । यह आयोजन छत्तीसगढ़ शासन धर्मस्व एवं पर्यटन विभाग एवं स्थानीय आयोजन समिति के तत्वाधान में होता है। मेला की शुरुआत कल्पवास से होती है। पखवाड़े भर पहले से श्रद्धालु पंचकोशी यात्रा प्रारंभ कर देते हैं पंचकोशी यात्रा में श्रद्धालु पटेश्वर, फिंगेश्वर, ब्रम्हनेश्वर, कोपेश्वर तथा चम्पेश्वर नाथ के पैदल भ्रमण कर दर्शन करते हैं तथा धुनी रमाते हैं। 101 कि॰मी॰ की यात्रा का समापन होता है और माघ पूर्णिमा से मेला का आगाज होता है।

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फाइल फोटो

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इस वर्ष 24 फरवरी माद्य पूर्णिमा से 8 मार्च 2024 महाशिवरात्रि तक राजिम माद्यी पुन्नी मेला (Rajim Kumbh Mela 2024) आयोजित किया गया है। राजिम कुंभ माघी पुन्नी मेला में विभिन्न जगहों से हजारो  साधू संतों का आगमन होता है, प्रतिवर्ष हजारो की संख्या में नागा साधू, संत आदि आते हैं, तथा विशेष पर्व स्नान तथा संत समागम में भाग लेते हैं, प्रतिवर्ष होने वाले इस माघी पुन्नी मेला में विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में लोग आते हैं और भगवान श्री राजीव लोचन तथा श्री कुलेश्वर नाथ महादेव जी के दर्शन करते हैं और अपना जीवन धन्य मानते हैं। लोगो में मान्यता है कि भगवान जगन्नाथपुरी जी की यात्रा तब तक पूरी नही मानी जाती, जब तक भगवान श्री राजीव लोचन तथा श्री कुलेश्वर नाथ के दर्शन नहीं कर लिए जाते, राजिम माघी पुन्नी मेला (Rajim Kumbh Mela 2024) का अंचल में अपना एक विशेष महत्व है।

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फाइल फोटो

राजिम अपने आप में एक विशेष महत्व रखने वाला एक छोटा सा शहर है। राजिम गरियाबंद जिले का एक तहसील है। प्राचीन समय से राजिम अपने पुरातत्वों और प्राचीन सभ्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। राजिम मुख्य रूप से भगवान श्री राजीव लोचन जी के मंदिर के कारण प्रसिद्ध है। राजिम का यह मंदिर आठवीं शताब्दी का है। यहाँ कुलेश्वर महादेव जी का भी मंदिर है। जो संगम स्थल पर विराजमान है। राजिम कुंभ  (Rajim Kumbh Mela 2024) प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलता है। इस दौरान प्रशासन द्वारा विविध सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन होते हैं।

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Thieves stole 120 kg goat in Surguja/Rajim Kumbh Mela 2024/राजिम कुंभ मेला 2024/REPUBLICEXPRESS NEWS
फाइल फोटो

भव्य होगा राजिम कुंभ मेला(Rajim Kumbh Mela 2024)

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सिरपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कराने के लिए जरूरी प्रयास करने एवं राजिम कुंभ मेला (Rajim Kumbh Mela 2024) की तैयारी के संबंध में जानकारी लेकर इसके आयोजन को भव्य बनाने की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए है । राजिम मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाने की बात कही। उन्होंने अधिकारियों को राज्य के मेला महोत्सव (Rajim Kumbh Mela 2024) को बढ़ावा देने के निर्देश भी जारी किए हैं, ताकि मेला को पर्यटन की तर्ज पर बढ़ावा मिल सके। उन्होंने पर्यटन के प्रचार-प्रसार और विकास को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ में मैनपाट जैसे हिल स्टेशन वाले शहरों में शिमला, मनाली के तर्ज पर मॉलरोड बनाएंगे। सरगुजा के रामगढ़ और चैतुरगढ़ जैसे स्थानों का विकास हिल स्टेशन के रूप में करेंगे ताकि यहां राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को लुभा सके। अग्रवाल ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य के सभी पर्यटन स्थलों एवं मेले महोत्सवों के विकास पर विशेष ध्यान देने कि बात कही है ।

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छत्तीसगढ़ का प्रयागराज है राजिम(Rajim Kumbh Mela 2024)
राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहा जाता है। यहां पर तीन नदियों महानदी, पैरी और सोंढूर का संगम है। इसे छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहा जाता है। इसी पवित्र संगम के बीच राजिम कुंभ(Rajim Kumbh Mela 2024) लगता है। यहां कुलेश्वर महादेव का प्राचीन शिवमंदिर स्थापित हैं। पुराणों के अनुसार, वनवास के दौरान भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण सहित यहां आए थे। कुलेश्वर महादेव की स्थापना भगवान राम ने की थी। इसके अलावा राजिम के प्राचीन राजीवलोचन मंदिर का दर्शन करने भी श्रद्दालु दूर-दूर से पहुंचते हैं।
भूपेश बघेल सरकार ने बदल दिया था नाम
बीजेपी की रमन सरकार में साल 2006 में राजिम कुंभ मेले की शुरुआत हुई थी। यह मेला लगातार 12 वर्ष तक चला। साल 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने कुंभ का नाम बदलकर राजिम माघी पुन्नी मेला कर दिया था।

 

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