क्या है सच्चाई, जाने खास रिपोर्ट में
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभनपुर के अंतर्गत खोरपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 12 दिसंबर की रात ताला लगने की घटना सामने आई थी जिसकी जांच पड़ताल पर पता चला ग्राम उल्बा -उल्बी के मध्य तंबू में निवासरत सांप पकड़ने वाले परिवार की एक महिला प्रसव पीड़ा की बात कह कर अपने परिवार के साथ ई रिक्शा के माध्यम से खोरपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे लेकिन पहुंचने की दरमियान स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा हुआ था स्थानीय लोगों को जानकारी होने पर वहां कार्यरत कर्मचारियों को फोन लगाकर बुलाया गया जहां बिना देरी करते हॉस्पिटल कर्मचारी अस्पताल पहुंचे उसके बाद वहां नाइट ड्यूटीरत नर्स को भी फोन कर बुलाया गया जो खाना खाने घर गई हुई थी ड्यूटीरत नर्स को जानकारी मिलने पर तुरंत अस्पताल पहुंचकर उन्होंने गर्भवती महिला की एचआईवी, बीपी सहित विभिन्न जरूरी जांच की, जांच में प्रसव पीड़ा जैसे कोई बात सामने नहीं आने पर भी प्रारंभिक जांच कर उक्त गर्भवती महिला को 108 एंबुलेस के माध्यम से मेकाहारा रिफर कर दिया।
गर्भवती महिला को नही थी कोई जानकारी
मिली जानकारी अनुसार खोरपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आई गर्भवती महिला के पास ना कोई जच्चा बच्चा कार्ड था और ना महिला को कोई टीकाकरण हुआ था और ना ही सोनोग्राफी का कोई रिपोर्ट था जिसके अभाव में भी कार्यरत नर्स ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जरूरी चेकअप कर तुरंत 108 के माध्यम से रायपुर मेकाहारा रिफर किया।
अस्पताल में स्टॉफ की कमी
खोरपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वर्तमान में दो नर्स ड्यूटी कर रही है जो सुबह और रात के शिफ्ट के हिसाब से अपना काम देख रहे हैं नर्स के नहीं होने से आमजनों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लोगों से जानकारी मिली कि पीएचसी खोरपा की एक नर्स ग्राम तोरला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी अटैच है जिसको बहाल कराने के लिए प्रयास किया गया लेकिन अभी तक उस नर्स को अटैक मुक्त नहीं किया गया है वही ग्राम पंचायत एवं स्थानीय युवा संगठन ने स्टाफ की कमी पर ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी को लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत कराया जा चुका है जिस पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
खोरपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एमबीबीएस डॉक्टर भी अटैच
ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी अभनपुर द्वारा पीएससी खोरपा के प्रभारी एमबीबीएस डॉक्टर को भी अभनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अटैच कर कर रखा गया है ज्ञात होगी प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एमबीबीएस डॉक्टर बेहद अनिवार्य है ताकि ग्रामीणजनों तक स्वास्थ्य सेवाएं सरलता एवं सुगम्यता के साथ मिल सके एमबीबीएस डॉक्टर की अटैच होने से यहां आने वाले मरीज को भटकने के साथ निजी अस्पताल में इलाज करना पड़ रहा है।
शासन/अधिकारी की आदेश की अवहेलना
समय-समय पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के द्वारा चिकित्सकीय अमला को मूल पद स्थापना स्थान से अन्य जगह नहीं करने और पदस्थापना से अन्य जगह कार्य कर रहे कर्मचारी, अधिकारी को मूल पदस्थापना में स्थान सुनिश्चित करने का आदेश भी जारी हो चुका है लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया है जिसका खामियाजा खोरपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भुगत रहा है।
कायाकल्प अवार्ड
खोरपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी के चलते यहां के कार्यरत कर्मचारियों ने मोर्चा संभालते हुए हर संभव अपना कर्तव्य पालन और मेहनत किया है जिसके चलते उक्त पीएससी को एक से अधिक बार कायाकल्प अवार्ड जीता है।
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