महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) से जुड़े मनरेगा श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगातार अपडेट किया जा रहा है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) एक भारतीय कानून है जो 2005 में पारित किया गया था। यह कानून ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिकार को सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखता है। इसके तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी रोजगार के लिए काम उपलब्ध कराया जाता है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद करता है।
पिछले दिनों 27 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के मानदेय में वृद्धि की थी जिसके फलस्वरूप श्रमिकों के मानदेय में 3.04 प्रतिशत से लेकर 10.56 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। मानदेय में इस वृद्धि का लाभ 12.93 करोड़ से ज्यादा सक्रिय मजदूरों को 1 अप्रेल 2024 से मिलना शुरू हो गया है। अब सरकार मनरेगा में हाजिरी का तरीका बदलने जा रही है। अभी प्रायोगिक तौर पर इसे कुछ जिलों में लागू किया जा सकता है। वहीं सरकार मनरेगा में संविदाकर्मियों को नियमित करने जा रही है। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट से जानें कि मनरेगा में क्या नए अपडेट हैं और इसका लाभ किन लोगों को मिलेगा।
राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली से मनरेगा में ऑनलाइन हाजिरी जारी (Online attendance continues in MNREGA through National Mobile Monitoring System)
मनरेगा में फर्जी तरीके से हाजिरी कराकर मानदेय उठाने के मामले कई बार सामने आ चुके हैं। केंद्र सरकार ने योजना का लाभ ईमानदारी तरीके से मजदूरों तक पहुंचाने के लिए मनरेगा हाजिरी (MNREGA attendance) को ऑनलाइन कर दिया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत कार्य करने वाले लोगों की उपस्थिति दर्ज करने के तरीके को 1 जनवरी 2023 से ऑनलाइन किया । नरेगा मजदूरों की उपस्थिति ऑनलाइन राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) के माध्यम से दर्ज हो रही है।
राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली के माध्यम से मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी में कई खामियां सामने आई थी जिसमें समय-समय में सुधार किया गया। अब मनरेगा मजदूरों पर निगरानी रखने के लिए एक नया नवाचार काफी ट्रेंडिंग हो रहा है। अजमेर में वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज हो रही है। इस नवाचार को काफी सराहना मिल रही है। राजस्थान के एक प्रमुख मीडिया हाउस में प्रकाशित खबर के अनुसार इस नवाचार को जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों में लागू करने की तैयारी की जा रही है। राजस्थान में इस इनोवेशन को वीडियो क्लिपिंग फॉर अटेंडेंस मॉनिटरिंग सिस्टम नाम दिया गया है। इस सिस्टम के माध्यम से अजमेर के पीसांगन पंचायत समिति की 24 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यस्थल पर मजदूरों की वास्तविक मौजूदगी को लेकर निगरानी की जा रही है। फिलहाल इसे पूरे राज्य में लागू करने की तैयारी में सरकार जुट गई है।
गर्मी के मौसम में मनरेगा श्रमिकों को राहत देने के लिए कार्य करने का समय भी कम किया गया है। राजस्थान सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में कार्य समय 8 घंटे से घटाकर अब 7 घंटे कर दिया है। इस अवधि में एक घंटे का लंच टाइम भी होगा। मनरेगा श्रमिकों को सुबह 6 बजे से दोपहर एक बजे तक काम करना होगा। यह व्यवस्था 1 मई से 15 जून तक लागू रहेगी। इससे पहले मनरेगा योजना में 8 घंटे का कार्य समय निर्धारित था।
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