छत्तीसगढ़ में लगभग 145 लाख टन धान की हुई खरीदी, जानिए कितने किसानों ने बेचा धान

Record paddy sale in Chhattisgarh

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छत्तीसगढ़ का धान क्रय: छत्तीसगढ़ राज्य का धान क्रय एक महत्वपूर्ण कृषि कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों को समर्थन प्रदान करना है। यह कार्यक्रम किसानों को उचित मूल्य पर उनके उत्पाद का बज़ार में बेचने का एक उत्तम प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।

छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर अब तक की सबसे बड़ी धान की खरीदी हुई है। 1नवंबर से 4 फरवरी तक चले इस अभियान में 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों से 144.92 लाख टन धान की खरीदी की गई है। छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद अब तक हुई यह सबसे बड़ी धान खरीदी है। इस वर्ष 130 लाख टन धान खरीदी का अनुमान लगाया गया था। इस साल की धान खरीदी की तुलना करने पर यह पिछली धान खरीदी से 37.39 लाख टन अधिक है। पिछले साल 107.53 लाख टन धान की खरीदी हुई थी।

छत्तीसगढ़ धान खरीदी/Chhattisgarh paddy purchase/रिपब्लिक एक्सप्रेस न्यूज/republic express news/cg dhan kharidi news
फाईल फोटो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की गई। किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मान से धान की खरीदी की गई है। वर्तमान में किसानों को समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया है। जल्द ही अंतर की राशि का भुगतान किसानों को किया जाएगा। धान खरीदी सीजन में 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों से 144.92 लाख टन धान की खरीदी की गई है। इसके एवज में किसानों को 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।

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मुख्यमंत्री श्री साय ने किसानों एवं किसान प्रतिनिधियों की मांग और उनकी परेशानियों को देखते हुए धान खरीदी की अवधि 31 जनवरी से बढ़ाकर 4 फरवरी कर दी थी। ऐसे किसान जो किन्हीं कारणों से 31 जनवरी तक धान नहीं बेच पाए थे, उन किसानों को मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील फैसले का लाभ मिला। धान खरीदी के लिए बढ़ाई गई अवधि में 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। 1 फरवरी से लेकर 4 फरवरी के बीच 2.69 लाख टन धान की खरीदी हुई।

राज्य में चालू खरीफ विपणन वर्ष में 130 लाख टन धान का उपार्जन अनुमानित था। धान की रिकॉर्ड खरीदी के चलते अनुमानित उपार्जन का आंकड़ा काफी पीछे छूट गया है। इस साल धान बेचने के लिए राज्य के 26.85 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। पंजीकृत धान का रकबा 33.51 लाख हेक्टेयर था। धान खरीदी की व्यवस्था के समानांतर कस्टम मिलिंग का काम भी तेजी से जारी है। उपार्जित धान 144.92 लाख टन में से 105.36 लाख टन धान के उठाव का डीओ जारी किया जा चुका है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 98.41 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है।

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क्या है धान खरीदी 

धान क्रय की प्रक्रिया: धान क्रय प्रक्रिया में, छत्तीसगढ़ सरकार नियमित अंतराल पर धान क्रय केंद्रों की स्थापना करती है। इन केंद्रों पर किसान अपना धान बेच सकते हैं। किसानों को अपने धान को क्रय केंद्रों पर पंजीकृत करवाना होता है और उन्हें एक टोकन या विशिष्ट पहचान पत्र प्राप्त करना होता है।

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क्रय प्रक्रिया में, सरकार द्वारा निर्धारित धान के मूल्य पर क्रय किया जाता है। किसानों को धान की गुणवत्ता के आधार पर भुगतान किया जाता है। धान को क्रय करने के बाद, यह केंद्र धान को संग्रहित करते हैं और बाद में उसे खाद्यान्न और अन्य उपयोगों के लिए भंडारण किया जाता है।

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समर्थन प्रदान करने के लिए, किसानों को केंद्र से एक निश्चित मात्रा में आगे बढ़ावा भी दिया जाता है। इस प्रकार, धान क्रय कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को उचित मूल्य पर उनके उत्पाद को बेचने का माध्यम प्रदान करती है और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

 

 

 

 

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